परिचय
भारत की सामाजिक संरचना में किशोरियों की स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि वे भविष्य की महिलाएं, माताएं, और समाज की निर्माता होती हैं। लेकिन आज भी देश के कई हिस्सों में किशोरियों को शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता से संबंधित गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं के समाधान हेतु भारत सरकार ने वर्ष 2000 में किशोरी शक्ति योजना (Kishori Shakti Yojana) की शुरुआत की।
यह योजना एक समग्र विकास कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य 11 से 18 वर्ष की आयु की किशोरियों को शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
किशोरी शक्ति योजना क्या है?
किशोरी शक्ति योजना (KSY) भारत सरकार की एक सामाजिक कल्याण योजना है, जिसे समाज कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य किशोरियों को शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य, और कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर और जागरूक बनाना है।
किशोरी शक्ति योजना के उद्देश्य
मुख्य उद्देश्य
- किशोरियों के स्वास्थ्य और पोषण स्तर में सुधार लाना
- किशोरियों को शिक्षा और जागरूकता प्रदान करना
- आजीविका कौशल का विकास करना
- किशोरियों को आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर बनाना
- बाल विवाह और किशोर गर्भधारण को कम करना
- स्वच्छता, पोषण, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य जैसे विषयों पर जानकारी देना
लाभार्थी कौन हैं?
लक्षित समूह
- 11 से 18 वर्ष की आयु की किशोरियाँ
- विशेष रूप से बालिकाएँ जो स्कूल नहीं जाती हैं
- गरीब और वंचित वर्ग की लड़कियाँ
- पोषण की कमी और एनीमिया से ग्रस्त किशोरियाँ
योजना के प्रमुख घटक
1. पोषण सहायता
- किशोरियों को साप्ताहिक रूप से पूरक पोषण (Supplementary Nutrition) प्रदान किया जाता है
- आयरन, कैल्शियम, और विटामिन्स से भरपूर आहार
2. स्वास्थ्य जांच और परामर्श
- नियमित चिकित्सा जांच
- मासिक धर्म स्वच्छता, यौन स्वास्थ्य, और टीकाकरण की जानकारी
- आवश्यकतानुसार डॉक्टर और परामर्शदाता की सुविधा
3. जीवन कौशल और शिक्षा
- जीवन से जुड़े व्यवहारिक कौशल जैसे समय प्रबंधन, आत्मरक्षा, आत्मविश्वास
- गैर-औपचारिक शिक्षा, विशेष रूप से ड्रॉपआउट किशोरियों के लिए
- बाल विवाह, घरेलू हिंसा, लैंगिक समानता जैसे मुद्दों पर जागरूकता
4. व्यवसायिक और कौशल विकास प्रशिक्षण
- सिलाई, कढ़ाई, कंप्यूटर, ब्यूटी पार्लर, खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण
- स्वरोजगार के अवसर बढ़ाना
5. खेल और सांस्कृतिक गतिविधियाँ
- किशोरियों की मानसिक और सामाजिक विकास के लिए खेलकूद
- नाट्य, नृत्य, संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी
किशोरी शक्ति योजना के अंतर्गत क्रियान्वयन
आंगनवाड़ी केंद्रों की भूमिका
- योजना का कार्यान्वयन आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से किया जाता है
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ता किशोरियों को पोषण, शिक्षा और प्रशिक्षण सेवाएँ प्रदान करती हैं
राज्य और केंद्र सरकार की भागीदारी
- योजना एक केन्द्र प्रायोजित योजना है
- इसमें राज्य सरकारें भी सक्रिय सहयोग करती हैं
- समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) योजना के अंतर्गत यह योजना कार्यान्वित होती है
आवेदन प्रक्रिया और पात्रता
पात्रता शर्तें
- 11 से 18 वर्ष की भारतीय नागरिक किशोरी
- परिवार की वार्षिक आय राज्य के अनुसार निर्धारित सीमा के भीतर हो
- स्कूल छोड़ चुकी लड़कियाँ, प्राथमिकता के आधार पर चयनित की जाती हैं
कैसे करें आवेदन?
- नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र में संपर्क करें
- पंजीकरण फॉर्म भरें
- आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज़ जमा करें
- योग्यता के आधार पर चयन किया जाता है
- चयन के बाद प्रशिक्षण और सुविधाएँ दी जाती हैं
अब तक की उपलब्धियाँ
- हजारों किशोरियों ने स्वावलंबन की दिशा में पहला कदम उठाया है
- स्वास्थ्य और पोषण स्थिति में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है
- बाल विवाह और किशोर गर्भधारण में कमी दर्ज की गई है
- कई किशोरियाँ रोजगार प्राप्त कर आत्मनिर्भर बनी हैं
- कंप्यूटर और डिजिटल साक्षरता का भी विकास हुआ है
किशोरी शक्ति योजना की चुनौतियाँ
सामाजिक बाधाएँ
- ग्रामीण क्षेत्रों में रूढ़िवादी सोच के कारण लड़कियों की भागीदारी सीमित रहती है
- परिवार का सहयोग नहीं मिल पाता
सूचना की कमी
- कई किशोरियों और उनके परिवारों को योजना की जानकारी ही नहीं होती
- प्रचार-प्रसार का अभाव
संसाधनों की कमी
- कई क्षेत्रों में आंगनवाड़ी केंद्रों की संख्या कम है
- प्रशिक्षकों और सामग्री की अनुपलब्धता
सरकार द्वारा उठाए गए सुधारात्मक कदम
- योजना को POSHAN अभियान और Beti Bachao Beti Padhao जैसी योजनाओं से जोड़ा गया है
- डिजिटल माध्यमों द्वारा प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जा रहे हैं
- सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है
- नियमित मॉनिटरिंग और मूल्यांकन प्रणाली विकसित की गई है
भविष्य की योजना और विस्तार
सरकार का उद्देश्य है कि इस योजना को हर ब्लॉक और पंचायत स्तर तक पहुंचाया जाए, जिससे हर किशोरी तक इसका लाभ पहुँच सके। इसके अलावा योजना में डिजिटल शिक्षा, ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म, और आधुनिक कौशल प्रशिक्षण को भी शामिल किया जा रहा है।
निष्कर्ष
किशोरी शक्ति योजना भारत सरकार की एक अत्यंत प्रभावशाली और दूरदर्शी पहल है, जो किशोरियों को स्वस्थ, शिक्षित, जागरूक और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। इस योजना से न केवल किशोरियों का बल्कि पूरे समाज का सकारात्मक विकास संभव है। अगर इस योजना को सुनियोजित और समर्पित प्रयासों के साथ लागू किया जाए, तो यह आने वाले वर्षों में भारत के सामाजिक ताने-बाने को सशक्त बनाने में एक क्रांति साबित हो सकती है।