प्रस्तावना
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014 में शुरू किया गया ग्रीन इंडिया मिशन (Green India Mission – GIM), जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने और पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह मिशन भारत की जलवायु कार्ययोजना (NAPCC – National Action Plan on Climate Change) का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसका मुख्य उद्देश्य वन क्षेत्र में वृद्धि करना, पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करना और स्थानीय समुदायों को वन संरक्षण में भागीदारी प्रदान करना है।
ग्रीन इंडिया मिशन क्या है?
मिशन का उद्देश्य
ग्रीन इंडिया मिशन का मूल उद्देश्य है:
- देश के वन क्षेत्र और हरित क्षेत्र में वृद्धि करना
- पारिस्थितिकीय सेवाओं का सुधार जैसे जल संरक्षण, जैव विविधता, भूमि की उपज
- जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना
- स्थानीय समुदायों को रोजगार और संसाधनों का लाभ देना
मिशन की शुरुआत
यह मिशन वर्ष 2014 में आधिकारिक रूप से शुरू किया गया था और इसे 10 वर्षों की अवधि में चरणबद्ध रूप से लागू किया जाना था। इसका लक्ष्य 10 मिलियन हेक्टेयर भूमि पर हरित क्षेत्र विकसित करना है।
ग्रीन इंडिया मिशन के प्रमुख घटक
1. वन क्षेत्र का विस्तार
मिशन के तहत वनाच्छादित क्षेत्रों को पुनर्जीवित किया जाता है तथा उपेक्षित वनों को फिर से हरा-भरा किया जाता है।
2. जैव विविधता का संरक्षण
यह योजना जैव विविधता और पारिस्थितिकीय संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है। विभिन्न प्रजातियों के वृक्षों का रोपण और उनके लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण मिशन का एक महत्वपूर्ण भाग ह3. जल स्रोतों का संरक्षण
गांवों, कस्बों और जंगलों में मौजूद जल स्रोतों को पुनर्जीवित कर, जल संकट को दूर करने की कोशिश की जाती है4. आजीविका में सुधार
गांवों और वन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान कर, उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारना भी मिशन का एक लक्ष्य है।
5. जनभागीदारी
स्थानीय समुदायों, विशेष रूप से महिलाओं और आदिवासियों की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाता है ताकि वे भी अपने पर्यावरण की रक्षा में योगदान दे सकें।
ग्रीन इंडिया मिशन की विशेषताएं
1. मिशन का बहु-स्तरीय दृष्टिकोण
मिशन केवल वृक्षारोपण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जल संरक्षण, मिट्टी सुधार, जीव-जंतु संरक्षण और आजीविका के अवसरों की सृष्टि तक विस्तृत है।
2. जलवायु अनुकूल वृक्षारोपण
जलवायु और क्षेत्रीय पर्यावरण के अनुसार वृक्षों का चयन कर रोपण किया जाता है, जिससे उनकी जीवित रहने की संभावना बढ़ती है।
3. तकनीकी सहायता
भू-स्थानिक तकनीक, सैटेलाइट इमेजरी और जीआईएस की सहायता से मिशन की प्रगति की निगरानी की जाती है।
ग्रीन इंडिया मिशन का कार्यान्वयन
क्रियान्वयन एजेंसियाँ
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) – इस मिशन की मुख्य कार्यान्वयन एजेंसी है।
- राज्य सरकारों के वन विभाग
- ग्राम पंचायतें और स्थानीय निकाय
- स्वयंसेवी संस्थाएँ और NGOs
वित्त पोषण
- यह मिशन केंद्र और राज्य सरकार दोनों के संयुक्त प्रयासों से वित्तपोषित होता है।
- कुछ हिस्सों में अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से भी तकनीकी और वित्तीय सहायता ली जाती है।
ग्रीन इंडिया मिशन की उपलब्धियाँ
वृक्षारोपण
- लाखों पौधों का रोपण किया गया है।
- कई क्षेत्रों में वनाच्छादन में वृद्धि देखी गई है।
रोजगार सृजन
- ग्रामीण क्षेत्रों में हजारों लोगों को वृक्षारोपण, सिंचाई, पौधशाला और देखभाल जैसे कार्यों में रोजगार प्राप्त हुआ है।
पर्यावरणीय लाभ
- जल स्रोतों का पुनरुद्धार
- भूमि कटाव में कमी
- जलवायु परिवर्तन के प्रभावों में आंशिक नियंत्रण
ग्रीन इंडिया मिशन से होने वाले लाभ
1. पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण
वनों की बहाली से वन्यजीवों और जैव विविधता की रक्षा होती है।
2. जलवायु परिवर्तन से निपटना
वृक्षारोपण से कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण बढ़ता है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग को रोका जा सकता है।
3. सामाजिक और आर्थिक विकास
स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने से उनकी आय में वृद्धि होती है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।
ग्रीन इंडिया मिशन से जुड़ी चुनौतियाँ
1. भूमि की उपलब्धता
उपयुक्त भूमि की पहचान और उपलब्धता एक बड़ी चुनौती है।
2. जनभागीदारी की कमी
कई क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की भागीदारी में कमी देखी जाती है।
3. निगरानी और मूल्यांकन
योजना की निगरानी और पारदर्शिता बनाए रखने में कई बार कठिनाइयाँ आती हैं।
4. वित्तीय संसाधनों की कमी
कुछ राज्यों में पर्याप्त धनराशि की कमी के कारण परियोजनाएं अधूरी रह जाती हैं।
समाधान और सुझाव
- जनजागरूकता अभियान चलाकर स्थानीय लोगों को जोड़ना।
- प्रौद्योगिकी का समुचित उपयोग जैसे ड्रोन सर्वेक्षण, मोबाइल ऐप्स।
- स्थायी नीति निर्माण और राज्यों के बीच समन्वय बढ़ाना।
- वित्त पोषण के वैकल्पिक स्रोत जैसे CSR फंड और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करना।
अन्य संबंधित सरकारी योजनाएँ
योजना का नाम | उद्देश्य |
---|---|
राष्ट्रीय कृषि वानिकी नीति | कृषि भूमि में वृक्षारोपण को प्रोत्साहन देना |
जल जीवन मिशन | ग्रामीण क्षेत्रों में पीने योग्य जल उपलब्ध कराना |
नमामि गंगे मिशन | गंगा नदी की स्वच्छता और संरक्षण |
CAMPA फंड | क्षतिपूर्ति वनीकरण के लिए वित्तीय सहायता |
निष्कर्ष
ग्रीन इंडिया मिशन न केवल भारत के पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह ग्रामीण आजीविका, जलवायु परिवर्तन, और वन्य जीवन संरक्षण से भी सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। यदि इस योजना को जनभागीदारी, तकनीकी नवाचार और राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ लागू किया जाए, तो यह देश को सतत विकास की ओर ले जा सकती है।