परिचय
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के चलते आर्थिक रूप से प्रभावित हुए लोगों की सहायता एवं देश को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (Atmanirbhar Bharat Rojgar Yojana) की शुरुआत की गई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य रोजगार सृजन को बढ़ावा देना, और नए कर्मचारियों को नौकरी के अवसर उपलब्ध कराना है।
यह योजना कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के माध्यम से लागू की जाती है और इसमें नियोक्ताओं को नई नियुक्तियों पर सरकारी सहायता प्रदान की जाती है।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना क्या है?
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) एक प्रोत्साहन योजना (Incentive Scheme) है, जिसे भारत सरकार ने 1 अक्टूबर 2020 से लागू किया। इसका उद्देश्य उन प्रतिष्ठानों को सहायता देना है, जो नए कर्मचारियों की नियुक्ति करते हैं। सरकार इन कर्मचारियों के लिए EPF योगदान का एक हिस्सा खुद देती है।
योजना के उद्देश्य
मुख्य उद्देश्य
- कोरोना महामारी के कारण रोजगार खो चुके लोगों को पुनः रोजगार दिलाना
- नए रोजगार के अवसरों को प्रोत्साहित करना
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को आर्थिक सहयोग प्रदान करना
- कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज देना
- EPFO के माध्यम से पारदर्शी एवं सुनिश्चित लाभ वितरण
योजना के अंतर्गत लाभ क्या हैं?
सरकारी योगदान
सरकार नए कर्मचारियों के EPF खाते में योगदान देती है:
- जिन प्रतिष्ठानों में 1000 से कम कर्मचारी हैं, उनमें सरकार कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान (12% + 12%), कुल 24% प्रदान करती है।
- जिन प्रतिष्ठानों में 1000 से अधिक कर्मचारी हैं, उनमें सरकार केवल कर्मचारी का योगदान (12%) देती है।
समयसीमा
- यह योजना 1 अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 2022 तक लागू रही (बाद में समय-सीमा बढ़ सकती है)।
- 3 वर्ष तक योगदान दिया गया।
प्रत्यक्ष लाभ
- नए कर्मचारी को बिना किसी अतिरिक्त योगदान के EPF का लाभ
- नियोक्ताओं को कम लागत पर कर्मचारी रखने की सुविधा
पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria)
कर्मचारियों के लिए
- कर्मचारी की नियुक्ति 1 अक्टूबर 2020 के बाद की गई हो
- मासिक वेतन 15,000 रुपये या उससे कम होना चाहिए
- कर्मचारी का EPFO में पहले से पंजीकरण नहीं होना चाहिए
- या यदि वह पंजीकृत है, तो 1 मार्च से 30 सितंबर 2020 के बीच EPF अंशदान नहीं किया हो
नियोक्ताओं के लिए
- EPFO में पंजीकृत प्रतिष्ठान होना चाहिए
- ईसीआर (Electronic Challan cum Return) का नियमित भुगतान किया गया हो
- नई नियुक्तियाँ की हों, और योजना के तहत आवेदन किया गया हो
कैसे करें आवेदन?
ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया
- नियोक्ता को EPFO की आधिकारिक वेबसाइट https://www.epfindia.gov.in पर जाना होगा
- “Services > For Employers > Atmanirbhar Bharat Rojgar Yojana (ABRY)” पर क्लिक करें
- यूज़र आईडी और पासवर्ड के माध्यम से लॉगिन करें
- नई नियुक्तियों का विवरण दर्ज करें
- ABRY के तहत पात्रता की पुष्टि करें
- EPF सब्सिडी के लिए आवेदन करें
आवश्यक दस्तावेज
- नियोक्ता का EPFO पंजीकरण प्रमाणपत्र
- कर्मचारी का आधार कार्ड और बैंक खाता विवरण
- वेतन पर्ची
- कर्मचारी का EPFO UAN नंबर (यदि पहले से है)
- डिजिटल सिग्नेचर
अब तक की उपलब्धियाँ
- योजना के अंतर्गत 50 लाख से अधिक कर्मचारियों को लाभ पहुंचाया गया
- 1.5 लाख से अधिक प्रतिष्ठानों ने योजना का लाभ लिया
- निजी क्षेत्र में नए रोजगार सृजन में बढ़ोतरी हुई
- MSME क्षेत्र को मजबूती मिली और आर्थिक गतिविधियों को गति मिली
योजना के प्रभाव और लाभ
रोजगार सृजन में योगदान
इस योजना ने वित्तीय बाधाओं के बावजूद कंपनियों को नई भर्तियाँ करने के लिए प्रेरित किया, जिससे देश में बेरोजगारी दर में कमी आई।
श्रमिकों की सुरक्षा में वृद्धि
कर्मचारियों को EPF के तहत पेंशन, बीमा और मेडिकल सुरक्षा का लाभ मिला, जिससे वे अधिक सुरक्षित हुए।
MSME क्षेत्र को प्रोत्साहन
यह योजना खासतौर पर छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए वरदान साबित हुई, क्योंकि सरकार ने उनके भार को कम किया।
प्रत्यक्ष नकद लाभ नहीं, पर स्थायी सुरक्षा
हालाँकि इसमें प्रत्यक्ष नकद भुगतान नहीं होता, फिर भी EPF योगदान सरकार द्वारा देना एक स्थायी सामाजिक सुरक्षा का आधार है।
योजना की सीमाएँ और चुनौतियाँ
सूचना का अभाव
कई नियोक्ताओं और कर्मचारियों को योजना के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी।
तकनीकी समस्याएँ
EPFO पोर्टल पर आवेदन करते समय तकनीकी खामियों का सामना करना पड़ा।
मजदूर वर्ग का असंगठित होना
भारत का एक बड़ा हिस्सा असंगठित क्षेत्र में कार्य करता है, जो EPFO से जुड़े नहीं हैं, इसलिए वे इस योजना के लाभ से वंचित रह गए।
सरकार द्वारा उठाए गए सुधारात्मक कदम
- सूचना अभियान चलाकर योजना की जानकारी अधिक लोगों तक पहुंचाई गई
- EPFO पोर्टल को अधिक यूज़र फ्रेंडली और पारदर्शी बनाया गया
- राज्य स्तर पर नियोक्ताओं की सहायता के लिए विशेष टीमें बनाई गईं
- MSME मंत्रालय और श्रम मंत्रालय ने संयुक्त रूप से निगरानी और मूल्यांकन की व्यवस्था बनाई
भविष्य की दिशा
सरकार आने वाले वर्षों में इस योजना जैसे और कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार सृजन और सामाजिक सुरक्षा को जोड़ने का प्रयास कर रही है। साथ ही, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को औपचारिक क्षेत्र में लाने के लिए नए पोर्टल और योजनाएँ लाई जा रही हैं।
निष्कर्ष
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना न केवल रोजगार सृजन का माध्यम बनी, बल्कि इसने महामारी के बाद देश की अर्थव्यवस्था को गति देने, श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा देने और MSME सेक्टर को पुनर्जीवित करने में अहम भूमिका निभाई। यह योजना आत्मनिर्भर भारत की नींव को मजबूत करती है और आने वाले समय में यदि इसे और अधिक व्यापक रूप से लागू किया जाए, तो यह भारत को आर्थिक रूप से सशक्त और रोजगार युक्त राष्ट्र बनाने में सहायक सिद्ध हो सकती है।